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Sunday, November 17, 2024

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Astronauts’ lives in space are vastly different, especially when it comes to diet. To thrive in microgravity and perform demanding tasks, astronauts consume over 4000 calories daily—a sharp contrast to the average Earth-based requirement of 2000–3000 calories. Here’s why:


Challenges of Space Living


1. Muscle and Bone Loss: In microgravity, muscles and bones weaken due to reduced use. High-calorie diets rich in proteins counteract these effects.



2. Energy Demands: Spacewalks and experiments demand intense physical and mental effort, increasing caloric needs.



3. Radiation Exposure: Space radiation accelerates cellular damage. Diets packed with antioxidants and essential nutrients combat its effects.




Space Food Innovations


Astronaut meals must be nutritious, lightweight, and easy to eat in zero gravity. Options include freeze-dried, thermostabilized, and fresh produce grown on the ISS. Special packaging prevents food particles from floating, ensuring safety.


Future of Space Nutrition


Long-term missions, like Mars expeditions, require self-sustaining food systems. Techniques like hydroponics are advancing to grow crops in space, ensuring astronauts have access to fresh and varied meals.


Astronaut diets are meticulously planned, emphasizing health, efficiency, and psychological well-being, ensuring humans thrive beyond Earth.




Sources:


NASA Nutrition Research​​


Space Voyage Ventures on Astronaut Diets​​



This diet fuels not only survival but the exploration of uncharted territories, paving the way for future spacefrontiers.


Friday, November 15, 2024

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मोर पंख रखने के फायदे: घर में खुशहाली और समृद्धि के लिए


मोरपंख, भारतीय संस्कृति और वास्तु शास्त्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। यह न केवल घर की सुंदरता को बढ़ाते हैं, बल्कि इसके सकारात्मक प्रभाव भी होते हैं। घर में मोरपंख रखने से सुख-समृद्धि, खुशहाली और परिवार में शांति बनी रहती है। जानिए घर के किन स्थानों पर मोरपंख रखना शुभ माना जाता है और इससे क्या लाभ मिलते हैं।


मोरपंख रखने के लाभ


1. धन-धान्य की वृद्धि

वास्तु शास्त्र के अनुसार, मोरपंख को घर के उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना बेहद लाभकारी माना जाता है। यह दिशा लक्ष्मी देवी के स्थान मानी जाती है और मोरपंख रखने से धन-धान्य में वृद्धि होती है।



2. घर में शांति और सुख-शांति

मोरपंख को घर के किसी भी प्रमुख स्थान पर रखने से घर में शांति बनी रहती है और रिश्तों में सामंजस्य बना रहता है। यह घर के वातावरण को शुद्ध और सकारात्मक बनाता है।



3. नकारात्मक ऊर्जा का नाश

मोरपंख को घर के मुख्य द्वार पर या प्रवेश स्थान के पास रखने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे परिवार के सदस्य मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं।



4. परिवार में समृद्धि

मोरपंख को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखने से परिवार में समृद्धि आती है। यह दिशा व्यापार और धन से जुड़ी होती है, और मोरपंख यहां रखने से व्यवसाय में तरक्की होती है।



5. स्वास्थ्य में सुधार

मोरपंख को बेड के पास रखने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह व्यक्ति को सकारात्मक सोच और मानसिक शांति देता है, जिससे वह अधिक सक्रिय और ताजगी महसूस करता है।




मोरपंख रखने का सही तरीका


1. स्वच्छता का ध्यान रखें: मोरपंख को हमेशा स्वच्छ रखना चाहिए, क्योंकि यह ऊर्जा को शुद्ध करता है।



2. सही दिशा में रखें: मोरपंख को हमेशा वास्तु शास्त्र के अनुसार सही दिशा में रखें। यह सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।



3. संगठित तरीके से रखें: मोरपंख को किसी शेल्फ या सजावट के रूप में रखें ताकि वह किसी भी तरह की गंदगी या अव्यवस्था से प्रभावित न हो।




मोरपंख से जुड़ी कुछ अन्य बातें


मोरपंख का उपयोग सिर्फ घर में ही नहीं, बल्कि व्यापारिक स्थानों और दफ्तरों में भी लाभकारी होता है। इसे अपने कार्यस्थल पर रखने से व्यापार में वृद्धि होती है।


यदि आप मोरपंख को सही दिशा में रखते हैं, तो यह एक शक्तिशाली तंत्र के रूप में कार्य करता है, जो आपके जीवन में सुख और समृद्धि को बढ़ाता है।




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Conclusion


मोरपंख घर में रखने से न केवल वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि यह समृद्धि और खुशहाली का भी प्रतीक बनता है। सही दिशा और स्थान पर मोरपंख रखने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है, और जीवन में समृद्धि आती है। तो, इस सरल और प्रभावी उपाय को अपनाकर आप भी अपने घर को खुशहाल बना सकते हैं।



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Thursday, November 14, 2024

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Post Office Time Deposit Scheme: एक सुरक्षित निवेश विकल्प


भारतीय डाकघर की टाइम डिपॉजिट योजना (Post Office Time Deposit Scheme) आपके पैसों को सुरक्षित और बढ़ाने का एक बेहतरीन अवसर है। इस योजना में 7.5% का ब्याज मिलता है, जो आपके बचत को एक स्थिर और उच्च रिटर्न में बदल सकता है। आइए, जानते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से।


Post Office Time Deposit Scheme क्या है?


पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट एक फिक्स्ड डिपॉजिट योजना है, जिसमें आप एक निश्चित अवधि के लिए राशि जमा कर सकते हैं और उस पर ब्याज प्राप्त कर सकते हैं। यह एक सरकारी योजना है, जो आपको बैंक एफडी की तरह सुरक्षित निवेश का लाभ देती है।


ब्याज दर (Interest Rate)


इस योजना में, आप 7.5% का ब्याज कमा सकते हैं, जो मौजूदा बैंक एफडी ब्याज दरों की तुलना में अधिक है। ब्याज दर का निर्धारण समय-समय पर सरकार द्वारा किया जाता है और यह आपके निवेश की अवधि के अनुसार तय होती है।


योजना की अवधि (Tenure Options)


इस योजना में 1, 2, 3 और 5 साल की अवधि के विकल्प उपलब्ध हैं। आपके निवेश के अनुसार आपको ब्याज मिलता है और 5 साल की योजना पर सबसे अधिक ब्याज दर प्राप्त होती है।


निवेश करने की प्रक्रिया (How to Invest)


1. खाता खोलना: अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जाकर इस योजना में खाता खोला जा सकता है।



2. आवश्यक दस्तावेज़: पहचान पत्र, पते का प्रमाण, और दो पासपोर्ट साइज फोटो की आवश्यकता होगी।



3. न्यूनतम जमा: न्यूनतम 1000 रुपये से इस योजना में निवेश शुरू किया जा सकता है, और आप अपनी सुविधा के अनुसार राशि बढ़ा सकते हैं।




टैक्स लाभ (Tax Benefits)


5 साल की अवधि वाली टाइम डिपॉजिट योजना पर आपको धारा 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है। इस योजना में जमा राशि और अर्जित ब्याज दोनों कर छूट के लिए योग्य होते हैं, जिससे आपकी कर देयता कम हो सकती है।


Post Office Time Deposit के लाभ


सुरक्षा: सरकारी योजना होने के कारण आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है।


लचीला निवेश: 1 से 5 साल तक की अवधि चुनने का विकल्प।


उच्च ब्याज दर: 7.5% ब्याज दर आपके निवेश को तेजी से बढ़ाती है।


आसान निकासी: परिपक्वता के बाद, आपको जमा राशि और ब्याज एकमुश्त मिलते हैं।



सारांश


यदि आप एक सुरक्षित और लाभकारी निवेश विकल्प की तलाश में हैं, तो Post Office Time Deposit Scheme आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। 7.5% की ब्याज दर के साथ, यह योजना एक स्थिर और सुरक्षित आय का साधन बन सकती है।


Tuesday, November 12, 2024

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 दवोत्थान एकादशी, जिसे देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है, हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं, और चातुर्मास का समापन होता है। इसे धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसी दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।


देवोत्थान एकादशी का महत्व


धार्मिक मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और चार माह के बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं। इन चार महीनों को चातुर्मास कहा जाता है, जिसमें कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता। देवोत्थान एकादशी के दिन से विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। इस दिन श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा का विधान है, जिससे सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।


शुभ मुहूर्त


इस वर्ष देवोत्थान एकादशी का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:


पूजा का समय: सुबह 05:47 बजे से दोपहर 01:12 बजे तक


पारण का समय: अगले दिन सूर्योदय से लेकर प्रातः 08:42 बजे तक



पूजा विधि


1. सूर्योदय से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।



2. भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को गंगाजल से स्नान कराएं।



3. पीले फूल, तुलसी दल और मिठाई चढ़ाएं।



4. धूप-दीप जलाकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।



5. देवोत्थान एकादशी व्रत का संकल्प लें और दिनभर उपवास रखें।




देवोत्थान एकादशी के अनुष्ठान और मान्यताएं


देवोत्थान एकादशी के दिन व्रत रखने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत का पालन करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में समृद्धि एवं खुशहाली आती है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।



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 SIP (Systematic Investment Plan) में निवेश आज के समय में काफी लोकप्रिय है। यह तरीका निवेशकों को नियमित रूप से छोटी-छोटी रकम निवेश कर धन जोड़ने का मौका देता है। SIP के जरिए बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर कम होता है और समय के साथ अच्छा मुनाफा कमाने का अवसर मिलता है।


SIP के प्रमुख फायदे:


1. डिसिप्लिन इन्वेस्टमेंट: SIP से निवेशक अनुशासित रहते हैं।



2. रुपया-औसत लागत: बाजार की उतार-चढ़ाव के बावजूद औसत लागत बनी रहती है।



3. लॉन्ग-टर्म ग्रोथ: लंबे समय में अधिक रिटर्न की संभावना।





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Monday, November 11, 2024

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 भारतीय क्रिकेटर का बेटा बना बेटी: जेंडर चेंज की कहानी


सोशल मीडिया पर एक दिलचस्प और प्रेरणादायक कहानी सामने आई है। एक प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेटर के बेटे ने जेंडर चेंज कर बेटी बनने का साहसिक निर्णय लिया है। इस फैसले को उन्होंने सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया पर साझा किया, जिससे उनकी कहानी चर्चा का विषय बन गई है।


> "मैंने अपनी असली पहचान को अपनाया है," उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा। यह कदम उनके लिए जितना चुनौतीपूर्ण था, उतना ही यह कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। उनके इस निर्णय के बाद, कई लोग उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं और उनकी हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं।




इस कहानी में यह दर्शाया गया है कि समाज में बदलाव को स्वीकार करने का साहस कितना महत्वपूर्ण है। यह पोस्ट सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं है, बल्कि उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो अपनी पहचान को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।



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 अनोखा श्री पार्थसारथी मंदिर: महाभारत और मूंछों वाले श्रीकृष्ण का रहस्य


भारत का प्राचीन इतिहास और संस्कृति अनेक कहानियों से भरी हुई है। इन्हीं कहानियों में एक अद्भुत कहानी जुड़ी है तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित 1300 साल पुराने श्री पार्थसारथी पेरुमल मंदिर से, जहां श्रीकृष्ण को एक अनोखे रूप में पूजा जाता है - मूंछों वाले श्रीकृष्ण के रूप में।


मंदिर का निर्माण और महत्व


श्री पार्थसारथी पेरुमल मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में पल्लव वंश के राजाओं द्वारा किया गया था। इस मंदिर में भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों को समर्पित मूर्तियां हैं, लेकिन खास बात यह है कि यहां श्रीकृष्ण को 'पार्थसारथी' के रूप में दर्शाया गया है। मूंछों के साथ उनका यह रूप महाभारत में अर्जुन के सारथी के रूप में उनके योगदान को दर्शाता है।


महाभारत से जुड़ी विशेषताएं


यह मंदिर केवल अपनी स्थापत्य कला के लिए ही नहीं, बल्कि महाभारत के ऐतिहासिक संदर्भों के लिए भी प्रसिद्ध है। मान्यता है कि इस मंदिर में महाभारत काल के कई रहस्य छिपे हुए हैं। श्रीकृष्ण का यह रूप अपने अनुयायियों को उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने का एक अनूठा दृष्टिकोण देता है।


मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के अनुभव


जो भी भक्त इस मंदिर में आते हैं, वे भगवान कृष्ण के इस अनोखे रूप को देखकर अभिभूत हो जाते हैं। श्रीकृष्ण की मूंछों वाली प्रतिमा उन्हें महाभारत के उस ऐतिहासिक समय से जोड़ देती है जब उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अर्जुन का साथ दिया था।



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 पहले एटीएम की अनोखी कहानी


आज हर बैंक और हर शहर में एटीएम का इस्तेमाल आम बात है, लेकिन क्या आपने सोचा है कि भारत में पहला एटीएम कब और किसने शुरू किया? आइए जानते हैं पहले एटीएम की कहानी, जिसने हमारे बैंकिंग अनुभव को हमेशा के लिए बदल दिया।


एटीएम की शुरुआत कैसे हुई?


बैंकिंग सेवाओं को सरल और तेज बनाने के उद्देश्य से एटीएम का आविष्कार हुआ। एटीएम, यानी ऑटोमैटेड टेलर मशीन, का उपयोग पहली बार 1967 में लंदन में हुआ। भारत में, पहला एटीएम HSBC बैंक ने 1987 में मुंबई में स्थापित किया। यह एक बड़ा बदलाव था जिसने बैंकिंग को नया आयाम दिया।


कैसे बदल गया बैंकिंग का तरीका?


पहले लोगों को पैसों के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था। लेकिन एटीएम के आगमन के बाद पैसे निकालना, जमा करना, बैलेंस चेक करना जैसे काम 24x7 संभव हो गए। एटीएम ने बैंकिंग को तेजी और सरलता से जोड़ दिया।


क्यों बना एटीएम हर बैंक का हिस्सा?


बढ़ती मांग और ग्राहकों की सुविधा को देखते हुए एटीएम जल्द ही हर बैंक का हिस्सा बन गया। आज बैंकिंग सेक्टर में हर छोटा-बड़ा बैंक अपने ग्राहकों को 24x7 एटीएम की सुविधा देता है। एटीएम ने न सिर्फ समय की बचत की, बल्कि बैंक की कार्यक्षमता भी बढ़ाई।


नतीजा: एटीएम हर किसी की ज़रूरत


आज के दौर में एटीएम हर किसी की ज़रूरत बन चुका है। इसके बिना बैंकिंग की कल्पना करना भी मुश्किल है।


निष्कर्ष


पहले एटीएम ने भारतीय बैंकिंग में एक नई क्रांति लाई, जिससे आज करोड़ों भारतीय लाभान्वित हो रहे हैं। एटीएम के बिना बैंकिंग प्रणाली का विकास इतना आसान नहीं होता।



Sunday, November 10, 2024

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घर बैठे बनवाएं अपना लर्निंग लाइसेंस: आसान प्रक्रिया से जानें कैसे


आजकल की डिजिटल दुनिया में बहुत सारी चीजें अब घर बैठे ही की जा सकती हैं, और लर्निंग लाइसेंस बनवाना भी अब बहुत आसान हो गया है। पहले जहां लोग ब्रोकर्स के पास जाते थे और लंबी प्रक्रिया से गुजरते थे, वहीं अब आप अपने घर से ही इस प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।


कैसे बनवाएं लर्निंग लाइसेंस घर बैठे?


1. ऑनलाइन आवेदन करें: सबसे पहले, आपको राज्य परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाकर लर्निंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। सभी जानकारी सही-सही भरें और फॉर्म सबमिट करें।



2. आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें: आपके पास कुछ आवश्यक दस्तावेज़ होने चाहिए, जैसे आधार कार्ड, पते का प्रमाण और जन्म प्रमाण पत्र। इन सभी दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करना होता है।



3. लर्निंग टेस्ट की तैयारी करें: कई राज्यों में, लर्निंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आपको एक ऑनलाइन टेस्ट देना होता है। इस टेस्ट में यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा के बारे में सवाल पूछे जाते हैं।



4. फीस का भुगतान करें: आवेदन प्रक्रिया के बाद, आपको एक निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा। यह शुल्क ऑनलाइन ही किया जा सकता है।



5. लर्निंग लाइसेंस प्राप्त करें: सब कुछ सही तरीके से हो जाने के बाद, आपको लर्निंग लाइसेंस का प्रमाण पत्र आपके पते पर भेज दिया जाएगा।




लर्निंग लाइसेंस के फायदे:


सड़क पर सुरक्षित ड्राइविंग: लर्निंग लाइसेंस प्राप्त करने से पहले, आप ड्राइविंग के बारे में अच्छी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।


ड्राइविंग स्कूल में दाखिला: यह लाइसेंस आपको ड्राइविंग स्कूल में दाखिला लेने की अनुमति देता है।


आवश्यक दस्तावेज़: यह आपको बाद में नियमित ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बनता है।



निष्कर्ष:

लर्निंग लाइसेंस बनवाना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है। घर बैठे इसकी प्रक्रिया को पूरा करना कोई मुश्किल काम नहीं है। आपको बस सही जानकारी और कुछ जरूरी दस्तावेज़ की आवश्यकता होती है। तो अब देर किस बात की, इस सरल प्रक्रिया का लाभ उठाएं और अपना लर्निंग लाइसेंस घर बैठे बनवाएं।



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 MS Dhoni to Remain with CSK for IPL 2025: CEO Confirms Retention as Uncapped Player


The Chennai Super Kings (CSK) team has always been synonymous with one name—MS Dhoni. Over the years, Dhoni's leadership and game-winning performances have become an integral part of CSK’s legacy in the Indian Premier League (IPL). Recently, CSK CEO confirmed that Dhoni will be retained as an uncapped player for IPL 2025, solidifying his ongoing association with the franchise.


Highlights of the Announcement


1. Uncapped Retention: Dhoni will stay with CSK as an uncapped player, a move aimed at keeping the team’s backbone intact.



2. CEO’s Confirmation: The CEO emphasized there are no plans to part with the iconic captain anytime soon.



3. CSK’s Loyalty: This decision underscores CSK's commitment to its core players and its deep-rooted bond with Dhoni.





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What This Means for CSK Fans


For CSK fans, Dhoni's retention is a promise that the legacy continues. As an uncapped player, Dhoni remains an essential part of CSK’s lineup without consuming a senior slot, allowing the team to strengthen their roster further without compromising his presence.



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Dhoni’s Impact on CSK’s Success


Since joining CSK, Dhoni has transformed the team into a powerful and consistent force in the IPL, securing multiple titles and playoff appearances. His retention suggests that CSK aims to keep his strategic expertise and unbreakable spirit close as they look forward to more successful seasons.


Final Thoughts


The decision to retain Dhoni speaks volumes about CSK’s philosophy of loyalty and respect for their players. This announcement has not only thrilled fans but has also given them another reason to rally behind their beloved “Thala” for IPL 2025.


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